Berozgar 0 Posted January 26 Share Posted January 26 जैसा की आप सबको पता है आज दिल्ली में किसानों ने एक उग्र आंदोलन किया इस आंदोलन के चलते उन्होंने देश की सबसे बड़ी संपत्ति लाल किले पर चढ़कर भारतीय तिरंगे के सामने अपना एक झंडा फहराया। बताने वाली जानकार बताते हैं कि यह झंडा खाली स्थान का नहीं सिक्खों का पवित्र झंडा माना जाता है लेकिन फिर भी देश के तिरंगे के सामने 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन दूसरे से झंडे को दुनिया के सामने दिखाना, कहीं ना कहीं भारत गणराज्य का अपमान जरूर है। जानकार बताते हैं कि दिल्ली पुलिस ने किसानों को आंदोलन की अनुमति इस शर्त पर दी थी कि कोई भी किसान किसी भी नियम को नहीं तोड़ेगा ट्रैक्टरों के साथ ट्रॉली नहीं लाई जाएगी और इसी के साथ एक ट्रैक्टर पर 5 से ज्यादा लोग नहीं होंगे लेकिन दिल्ली पुलिस ने हर किसान के साथ आज कानून का उल्लंघन होते देखा। किसानों ने जो जो वादे किए थे हर एक प्रॉमिस को आज के दिन में उन्होंने तोड़ दिया। कई लोग कह रहे हैं कि भारत सरकार ने जानबूझकर किसानों को दिल्ली में आंदोलन की अनुमति दी थी इस अनुमति के बाद से ही किसानों के आंदोलन में फूट पड़ने की बात शुरू हो गई थी। भारत गणराज्य आज अपना 72 वा गणतंत्र दिवस मना रहा है और इसी के दिन आज हमने देखा इस प्रकार किसानों ने देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले का घेराव करके अपना निजी झंडा लहरा दिय। जानकार बताते हैं कि दिल्ली में हुए इस आंदोलन के चलते किसान आंदोलन को बहुत प्रभाव पड़ेगा कई लोग इस तरह को मानने को तैयार नहीं है कि इस चीज के बाद दिल्ली का किसान आंदोलन अपने पूर्व रूप में चालू रह पाएगा। इस सबके बीच सबसे दुखद बात यह है कि दिल्ली के अंदर हुए इस तमाशे में एक किसान की मौत हो गई है पहले बताया जा रहा था कि किसान पर गोली चलाई गई है लेकिन बाद में यह साबित हुआ कि किसान तेज गति से अपने ट्रैक्टर पर आ रहा था और बैरिकेड को तोड़ने के प्रयास में ट्रैक्टर पलटने से उसकी मौत हुई। आप यह तो साबित कर सकते हैं कि दिल्ली में इस किसान की मौत के पीछे दिल्ली पुलिस की गोली कारण नहीं है लेकिन आप इस चीज को जस्टिफाई कैसे करेंगे कि एक जवान लड़के ने अपनी जिंदगी इसी आंदोलन में खो दी है वह आंदोलन जो भारत के 3 नए कृषि कानूनों को वापस लेने के पीछे चल रहा है। इंटरनेट पर घमासान मचा पड़ा है कुछ लोग इस चीज के समर्थन में है कि दिल्ली पुलिस को किसानों को आंदोलन करने की अनुमति ही नहीं देनी चाहिए थी वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों का मानना है कि किसानों ने इस चीज को बढ़ावा देकर अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। दूसरी तरफ भारत सरकार के ऊपर भी सवाल उठाए जा रहे हैं भारत सरकार के ऊपर उठाए जाने वाले सवालों में सबसे प्रमुख सवाल यह है कि अगर रास्ते के अंदर आंसू गैस छोड़े जा सकते थे तो क्या लाल किले के ऊपर इतनी मजबूत सिक्योरिटी की व्यवस्था नहीं की जा सकती थी कि किसी को लाल किले की प्राचीर पर चढ़ने से रोका जा सके। बहरहाल अब स्थिति चाहे जो हो सिचुएशन एक बार फिर हाथ से जाती हुई नजर आ रही है और हम यही दुआ करते हैं कि देश की एक भी व्यक्ति यानी कि एक भी किसान एक भी पुलिसकर्मी एक भी आम आदमी को अपनी जान से नुकसान ना होना पड़े। Quote Link to post Share on other sites
Berozgar 0 Posted January 27 Author Share Posted January 27 दिल्ली के ड्रामे के लिए सरकार खुद जिम्मेदार बताई जाती है। कई लोगों का कहना है कि जब सरकार ने परमिशन भी तो सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान क्यों नहीं दिया। Quote Link to post Share on other sites
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